2.प्रकाश PART-2 Reflection of light

प्रकाश का परावर्तन (Reflection of light)

जब प्रकाश किरण किसी चिकने पृष्ठ से टकराकर वापस लौट आती है, तो इस घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।

हम किसी वस्तु को कैसे देख पाते है ?

जब प्रकाश की किरणें किसी वस्तु से परावर्तित होकर हमारी आँखों पर पड़ती है, तो हम उस वस्तु को देखने में सक्षम हो पाते हैं। हम अंधेरे में रखी वस्तुओं को नहीं देख पाते हैं क्योंकि अंधेरे के कारण कोई भी प्रकाश की किरण उक्त वस्तु से परावर्तित होकर हमारी आंखों पर नहीं पड़ती है।



 






प्रकाश के परावर्तन के नियम (Laws of Reflection)

प्रथम नियम:  आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।

द्वितीयक नियम:  आपतन कोण का मान हमेशा परावर्तन कोण के बराबर होता है।

                               i = r

प्रकाश के परावर्तन से संबंधित शब्दावली

1.आपतित किरण (Incident rays)किसी दर्पण के परावर्तक सतह पर पड़ने वाली प्रकाश किरण को आपतित किरण कहा जाता है।

2. आपतन बिन्दु (Incident Point): किसी दर्पण के परावर्तक सतह वह बिन्दु जिस पर आपतित किरण पड़ती है, उसे आपतन बिन्दु कहा जाता है।

3.परावर्तित किरण (Reflective rays):  परावर्तन के वापस लौटने वाली प्रकाश किरण को परावर्तित किरण कहते हैं।

4. अभिलम्ब (Normal) : आपतन बिन्दु पर दर्पण के परावर्तक सतह के लंबवत समकोण बनती रेखा को अभिलम्ब कहते हैं।

5. आपतन कोण (Incident angle): आपतित किरण तथा अभिलम्ब बीच बना कोण आपतन कोण कहलाता है।
 इसे i कहते है।

6. परावर्तन कोण (Reflective angle): परावर्तित किरण तथा अभिलम्ब बीच बना कोण परावर्तन कोण कहलाता है।
इसे r कहते है।

पार्श्व व्युत्क्रम या पार्श्व परावर्तन (Lateral Inverse)

–  जब हम एक समतल दर्पण के सामने खड़े होते हैं तो दर्पण में बने प्रतिबिंब में हमारा दाहिना हिस्सा बायी ओर तथा बायाँ हिस्सा दायी ओर दिखाई देता इस परिघटना को पार्श्व व्युत्क्रम या पार्श्व परावर्तन कहते है।

 p का प्रतिबिंब q बनता है।

प्रकाश का परावर्तन IMPORTANT PAGES: 

PART-01PART-2PART-03PART-04PART-05


No comments:

Post a Comment