किसी चालक में आवेशों के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं इसका मान आवेशों के प्रवाह के दर के बराबर होता है।यदि किसी चालक में t सेकंड में ,q आवेश, प्रवाहित होता है , तो
विद्युत धारा I =q/t.
विद्युत धारा का मात्रक कूलाम प्रति सेकंड या एंपियर है।
एमीटर क्या है?
यह एक ऐसी युक्ति है, जिसके द्वारा किसी परिपथ में विद्युत धारा को मापा जाता है। एमिटर को परिपथ में श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है। आदर्श अमीटर का प्रतिरोध शून्य होता है।
विद्युत विभव की परिभाषा दें-
आवेशित चालक के किसी बिंदु पर विभव उस एकांक कार्य के बराबर होता है जो एकांक धन आवेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में किया जाता है।
V = W/q
विद्युत विभव का मात्रक जूल प्रति कुलाम या वोल्ट है।
या, एकांक आवेश को किसी वैद्युत क्षेत्र के अंदर, किसी बिन्दु पर लाने में, किए गए कार्य को, उस बिंदु का विभव कहते हैं।
विद्युत विभवांतर:-
प्रति एकांक आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किए गए कार्य को, उन दो बिंदुओं के बीच का विभवांतर कहते हैं। विभवांतर का मात्रक वोल्ट होता है।
वोल्ट मीटर:- यह एक ऐसी युक्ति है जिसकी सहायता से हम किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर को मापते हैं।वोल्ट मीटर को हमेशा समांतर क्रम में जोड़ा जाता है। आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध अनंत होता है।
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विद्युत मीटर:- यह एक ऐसी युक्ति है जो परिपथ में उपभोक्ता द्वारा खर्च की गई बिजली को मापता है जिसके पाठ्य अंक को पढ़कर बिजली बिल ज्ञात किया जाता है यह बिजली के खर्च को यूनिट में या किलो वाट घंटा में प्रदर्शित करता है।
सेल:- यह एक ऐसी युक्ति है जो अपने अंदर हो रहे रसायनिक अभिक्रिया ओं के द्वारा सेल के दोनों
बैटरी
विद्युत चालक एवं विद्युत रोधी पदार्थ:-
वे पदार्थ जिनसे होकर विद्युत धारा बहती है विद्युत चालक पदार्थ चलाते हैं और जिन से होकर विद्युत धारा नहीं बहती है उन्हें विद्युत रोधी पदार्थ कहते हैं।
अर्द्ध चालक ( Semi - conductor)
वे पदार्थ जिनका गुण चालकों और कुचालकों के बीच का होता है, उन्हें अर्द्ध चालक पदार्थ कहते हैं। जैसे:- सिलिकॉन, जर्मेनियम आदि।
विद्युत परिपथ:- जिस पथ से होकर विद्युत धारा बहती है उस पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं
प्रतिरोध क्या है?
पदार्थ का वह गुण, जिसके कारण वह विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है, उसे उस पदार्थ का विद्युत प्रतिरोध या केवल प्रतिरोध कहते हैं।प्रतिरोध का एस आई मात्रक ओम है।
R = V/I
1 ओम क्या है?
यदि किसी परिपथ का विभवांतर 1 वोल्ट हो, और उस में प्रवाहित धारा 1 एंपियर हो तो उस परिपथ का प्रतिरोध ओम होता है।
किसी चालक का प्रतिरोध किन किन बातों पर निर्भर करता है?
किसी चालक का प्रतिरोध निम्न बातों पर निर्भर करता है:-
1. तार की लंबाई पर:- किसी तार का प्रतिरोध उसकी लंबाई का समानुपाती होता है।
यानि, तार की लंबाई बढ़ने पर चालक का प्रतिरोध बढ़ेगा।
2. तार की मोटाई पर:- किसी तार का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अतः तार की मोटाई बढ़ने पर प्रतिरोध का मान घटता है।
3. चालक के पदार्थ पर:- सामान लंबाई एवं समान मोटाई के भिन्न-भिन्न तारों के प्रतिरोध अलग-अलग होते हैं।
4. चालक के ताप पर:- ताप बढ़ने से चालक का प्रतिरोध बढ़ता है।
प्रतिरोधकता का मात्रक रो (rho ) है।
धारा नियंत्रक क्या है?
धारा नियंत्रक एक ऐसी युक्ति है, जिसके द्वारा परिपथ में बहने वाली विद्युत धारा के मान को बढ़ाया या घटाया जाता है।
विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव
जब किसी विद्युत उपकरण को उपयोग में लाने हेतु विद्युत स्रोत से जोड़ा जाता है तो उसमें विद्युत धारा अर्थात इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह होने लगता है उपकरण को कार्य करने के लिए लगातार विद्युत ऊर्जा की आपूर्ति आवश्यक होती है .
विद्युत धारा बनाए रखने में ऊर्जा का कुछ भाग कार्य करने में प्रयोग होता है तथा कुछ भाग ऊष्मा उत्पन्न करने में खर्च हो जाता है जो उपकरण के ताप को बढ़ा देता है जैसे जब कोई विद्युत पंखा थोड़ी देर चलता है तो गर्म हो जाता है .
विद्युत ऊर्जा का ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित होना विद्युत का तापीय प्रभाव कहलाता है जो विद्युत ऊर्जा के क्षय होने के कारण उत्पन्न होता है, जो प्रतिरोध के कारण उत्पन्न होता है।
विद्युत ऊर्जा का उपयोग सीधे तौर पर नहीं किया जा सकता है इसलिए विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा या ऊष्मीय ऊर्जा में बदल ना होता है।
" विद्युत धारा को जब उच्च प्रतिरोध वाले तारों से प्रवाहित किया जाता है, तो प्रतिरोध के कारण विद्युत ऊर्जा को निरंतर विद्युत ऊर्जा को उष्मीय ऊर्जा में बदलकर क्षयित होता है। इसे विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव कहते है। "
विद्युत ऊर्जा के उष्मीय प्रभाव का उपयोग बिजली हीटर, विद्युत इस्त्री , सोल्डरिंग रॉड , टोस्टर आदि में किया जाता है ।
इन उपस्करों का जो भाग गर्म होता है , उसे तापन अवयव कहते हैं। तापन अवयव निम्न प्रकार के पदार्थ से बने होने चाहिए।
* पदार्थ का प्रतिरोध उच्च हो।
* पदार्थ का गलनांक अत्यधिक हो।
सुरक्षा फ्यूज: फ्यूज एक ऐसी युक्ति है जिसका प्रयोग विद्युत परिपथ के गर्म तार में किया जाता हैं। यह विद्युत धारा के उशमीय प्रभाव के सिद्धांत पर आधारित होता है।
जब किसी करण वश विद्युत परिपथ में धारा का मान बढ़ जाता हैं तो फ्यूज का तार गर्म हो कर गल जाता हैं और परिपथ भंग हो जाता हैं (विद्युत धारा का प्रवाह रुक जाता हैं) जिससे परिपथ में लगे विद्युत उपकरण जलने से बच जाते हैं।
फ्यूज का तार सीसा और टीन का बना होता है।
फ्यूज के तार का गलनांक कम होता है और प्रतिरोध अधिक होता है।
लघुपथन क्या है?
किसी करण से खराब हो जाने या क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण कभी-कभी विद्युतमय तार और फ्यूज तार आपस में आ जाते है। ऐसा होने पर परिपथ का प्रतिरोध लगभग शून्य हो जाता है और इसके फलस्वरूप अत्यधिक धारा प्रवाहित होने लगती है, इसे लघुपथन कहते है।
लघुपथन-जब विद्युतमय तथा उदासीन तार आपस में सम्पर्क में आ जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में परिपथ का प्रतिरोध शून्य हो जाता है और उनमें से अत्यधिक धारा प्रवाहित होने लगती हैं इसे लघुपथन कहते हैं।
अतिभारण- जब किसी विद्युत उपकरण द्वारा निर्धारित विद्युत धारा से ज्यादा विद्युत धारा मेंस से ली जाती है तो यह अतिभारण कहलाती है।
विद्युत धारा से संबंधित आंकिक प्रश्न
1. यदि किसी बिजली के बल्ब पर 220 V- 100 W लिखा है तो उसका प्रतिरोध क्या होगा?
2. यदि किसी बिजली बल्ब पर 220 V- 40 W लिखा है तो उसका प्रतिरोध ज्ञात करें।
3. यदि 40 वाट का बल्ब 220 वोल्ट के स्रोत से जुड़ा हो तो बोल के कुंडली से कितना धारा प्रवाहित होगा?
P=VI
4. 100 वाट का बल्ब 220 बोर्ड के स्रोत से जुड़ा है तो बोल के कुंडली से कितना धारा प्रवाहित होगा तथा प्रतिरोध ही ज्ञात करें?
5. 220V पर किसी विद्युत बल्ब से 5/11 एंपियर की धारा प्रवाहित होती है तो बल्ब की शक्ति ज्ञात करें?
ओम के नियम पर आधारित कुछ प्रश्न ( V=I*R)
1. एक चालक का प्रतिरोध 5 ओम है इसमें 0.5 एंपियर की विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उत्पन्न विभवांतर कितना होगा?
2. 220 वोल्ट मेंस से जोड़ने पर एक आर्क लैंप 20 एंपियर की विद्युत धारा लेता है? तो आर्क लैंप का प्रतिरोध क्या होगा?
3. किसी बल्ब से 220व पर 2A की विद्युत धारा प्रवाहित होती हैं तो बालों के फिलामेंट का प्रतिरोध क्या होगा?
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