4. कार्बन और इसके यौगिक

   कार्बन और इसके यौगिक
कार्बन की परमाणु संख्या 6 है।
 इसे आवर्त सारणी में वर्ग IV (A) तथा  आवर्त संख्या 2 में रखा गया है ।
कार्बन में इलेक्ट्रॉनों की संख्या =6 होती है ।
कार्बन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,4 है।
कार्बन के बाह्य कोश  में इलेक्ट्रॉनों की संख्या= 4 है।
कार्बन की संयोजकता = 4 
कार्बन के यौगिकों को कार्बनिक यौगिक तथा कार्बनिक यौगिकों का अध्ययन कार्बनिक रसायन कहलाता है।
1. कार्बन पृथ्वी पर 0.02% पाया जाता है।
2. वायु में कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में कार्बन 0.03% उपलब्ध है।
3. कार्बन मुक्त अवस्था में हीरा, ग्रेफाइट एवं केवल कोयला के रूप में पाया जाता है।
4. प्रारंभ में सजीव स्रोत ( वनस्पति जगत व प्राणी जगत)  से प्राप्त यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहा गया।
चीनी -- ईख
सिट्रिक ऐसिड-- नीबू से
एसिटिक अम्ल-- सिरका
तेल एवं वसा -- चर्बी से
यूरिया -- पेशाब
5. जीवन शक्ति का सिद्धांत:- बर्जि लियस के अनुसार
   " सजीव पदार्थों में कार्बनिक यौगिकों का निर्माण एक अदृश्य जीवन शक्ति द्वारा होता है।"
6. जीवन शक्ति के सिद्धांत का खंडन:-
  वोहलर (Wohler) ने प्रयोगशाला में यूरिया ( कार्बनिक यौगिक) का संश्लेषण अमोनियम साइनेट (अकार्बनिक यौगिक) को गर्म करके किया।
7. एसिटिक अम्ल का संश्लेषण कोल्बे ने किया।
8. मेथेन का संश्लेषण बर्थेलो ने किया।
9. कार्बन के अपरूप हैं- हीरा और ग्रेफाईट।
10. हीरे की संरचना त्रिविमीय होती है इसलिए यह अत्यंत कठोर होता है।
11. ग्रेफाइट की संरचना षट कोणिय होती है इसलिए यह कोमल होता है।
12. हीरा पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण चमकता है, यह रंगहीन होता है। इसलिए हीरा का प्रयोग आभूषण बनाने में किया जाता है।
13. ग्रेफाइट कोमल होने के कारण इसका प्रयोग पेंसिल  में किया जाता है तथा विद्युत का सुचालक होने के कारण इसका प्रयोग शुष्क सेल में किया जाता है।

सहसंयोजक बंधन:
इलेक्ट्रॉनों के साझा के फल स्वरुप बने यौगिकों को सहसंयोजक यौगिक कहते हैं, और इस प्रकार के बने बंधन को सहसंयोजक बंधन कहते हैं।
सहसंयोजक बंधन के प्रकार:-
1. एकल सहसंयोजक बंधन:- एक -एक इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बने यौगिक को एकल सहसंयोजक यौगिक कहते हैं तथा
 इनके बीच के बंधन को एकल सहसंयोजक बंधन कहते हैं ।
 एकल बंध Single Bond को  ( _)  दर्शाते हैं।
2. द्विक संयोजक बंधन:-
 दो - दो  इलेक्ट्रॉनों की के साझेदारी से बने यौगिक को सहसंयोजक यौगिक कहते हैं ।
तथा इस प्रकार के बंधन को द्विक सहसंयोजक बंधन कहते है।
 इसे डबल बांड (=)द्वारा दर्शाते हैं
3. त्रिक सहसंयोजक बंधन:-
तीन- तीन  इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बने यौगिकों को त्रिक सह संयोजक यौगिक  कहते हैं तथा इस प्रकार बने बंधन को त्रिक सहसंयोजक बंधन कहते हैं इसे त्रिबंध triple Bond द्वारा दर्शा ते है।

यौगिकों के संरचना  सूत्र:
A. लुईस इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना:
 इस संरचना में प्रत्येक परमाणु तथा संयोजन में भाग लेने वाले इलेक्ट्रॉनों को दर्शाते हैं।


B. संरचना सूत्र (Structural Formula):
 संरचना सूत्र में परमाणुओं के बीच के बंधन के 
इलेक्ट्रॉनों को एक रेखाखंड बांड _  द्वारा दर्शाया जाता है।


C. त्रिविम सूत्र:
     त्रिविम सूत्र में ठोस रेखा, डॉटेड रेखा (.....) कागज के पीछे और वेज रेखा  कागज के ऊपर द्वारा दर्शाया जाता है।
  









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