वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. निम्नलिखित में कौन तत्व है
( क)पीतल (ख) स्टील (ग) आर्सेनिक (घ) सिलिका
2. निम्नलिखित में कौन तत्व नहीं है।
( क) ऑक्सीजन (ख) ब्रोमीन (ग) कागज (घ) जस्ता
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
1. हीरा एक तत्व का उदाहरण है।
2. बारूद एक मिश्रण है।
3. साधारण नमक एक यौगिक है।
4. बोरान एक तत्व है। उपधातु
5. अमोनिया और जल का मिश्रण एक विलियन है।
6. किसी असंतृप्त विलियन में बिना विलायक कि मात्रा बढ़ाएं अधिक घुल्य घुलाया जा सकता है।
7. जिसमें कोलायड के कण प्रकाश को प्रकिरण कर देते हैं टिंडल प्रभाव कहलाता है।
8. बालू और जल के मिश्रण में बालू को छानना विधि द्वारा अलग किया जा सकता है।
9. यौगिक के गुण उसके अवयवों के गुणों से भिन्न होते हैं।
10. विलियन हमेशा समांग होता है।
11. पेड़ की पत्तियों का सूखना एक रासायनिक परिवर्तन है।
सही या गलत का चयन करें।
1. यौगिक के अवयवों को सरल भौतिक विधियों से पृथक किया जा सकता है। गलत
2. मिश्रण का संगठन हमेशा स्थिर रहता है। गलत
3. दो या अधिक पदार्थों का समांग मिश्रण विलियन कहलाता है। सही
4. जल एक तत्व है गलत
5. सिलिकॉन एक उपधातु है सही
6. विलियन के अवयवों को छानन विधि से अलग किया जा सकता है। गलत
7. कोलायड के कण छन्ना पात्र के आर पार आ जा सकते हैं। सही
8. निलंबन के में कणों का आकार कोलायड के कणों से बड़ा होता है। सही
9. शरीर मे भोजन का पाचन एक भौतिक परिवर्तन है। गलत
10. बर्फ का पिघलना एक रासायनिक परिवर्तन है। गलत
11. मोमबत्ती के जलने में भौतिक और रासायनिक परिवर्तन दोनों होते हैं सही
12. लोहे का लाल तप्त होना रासायनिक परिवर्तन है गलत।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1.
लघु उत्तरीय प्रश्न :
1. निम्नलिखित पदार्थों का तत्व, यौगिक और मिश्रण में वर्गीकृत करें ?
(a) जस्ता (b) समुद्र का जल (c) सोडियम बाइकार्बोनेट (d) मिट्टी (e) साबुन (f) कोयला (g) कागज़ (h) एल्कोहल (i) ग्रेफाईट
उत्तर :- तत्व - जस्ता, ग्रेफाइट
यौगिक - सोडियम बाइकार्बोनेट
मिश्रण - मिट्टी, कोयला, अल्कोहाल, समुद्र का जल, साबुन, कागज़ |
2. निम्नलिखित में भौतिक और रासायनिक परिवर्तनों की पहचान करें |
(a) एक बच्चे का विकास (b) दूध का दही बनना (c) मोम का पिघलना (d) लकड़ी का जलना |
उत्तर :- भौतिक परिवर्तन - मोम का पिघलना
रासायनिक परिवर्तन - दूध का दही बनना, लकड़ी का जलना, एक बच्चे का विकास |
3. तत्व और यौगिक में कोई दो अन्तर बताएँ |
उत्तर :-
तत्व
यौगिक
(i) यह वह पदार्थ है जिसे दो या अधिक विभिन्न पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता है |
(i) इसे रासायनिक विधियों द्वारा दो या अधिक विभिन्न गुणवाले पदार्थों मे विभाजनभा किया जा सकता है |
(ii) यह एक ही प्रकार के परमाणुओं का बना होता है |
(ii) यह विभिन्न प्रकार के परमाणुओं का बना होता है |
4. मिश्रण के किन्ही दो गुणों को लिखे |
उत्तर :- (i) मिश्रण के बनने में प्राय ऊर्जा का न तो उत्सर्जन होता है न अवशोषण ही - चीनी और बालू को एक साथ मिला देने पर कोई ऊर्जा परिवर्तन नहीं होता अर्थात ऊर्जा का न तो उत्सर्जन होता है और न ही अवशोषण |
(ii) मिश्रण का संघटक निश्चित नहीं होता है - मिश्रण के विभिन्न भागों में उसके अवयवों का अनुपात भिन्न-भिन्न होता जाता है, उस द्रव को विलायक कहते है |
5. विलय और विलायक में क्या अंतर है ? स्पस्ट करें |
उत्तर :- जो पदार्थ द्रव में घुलकर विलयन बनाता है वह विलेय कहलाता है जबकि जिस द्रव में किसी पदार्थ को घुलाया जाता है, उस द्रव को विलायक कहते है |
6. आप कैसे समझते है की आक्सीजन एक तत्व है ?
उत्तर :- आक्सीजन एक तत्व है, क्योंकि अबतक आक्सीजन में किसी भी अन्य तत्व की उपस्थिति नहीं पायी गयी है | जब शुद्ध आक्सीजन की अभिक्रिया शुद्ध हाइड्रोजन के साथ कराई जाती है तो सिर्फ जल बनता है | इन्ही कारणों से आक्सीजन को एक तत्व माना जाता है |
7. किन्ही चार उपयोगी मिश्रणों का उल्लेख करे |
उत्तर :- आक्सीजन, दूध, जल और मिट्टी उपयोगी मिश्रणों के कुछ उदाहरण है |
8. जलीय विलयन और अजलीय विलयन से आप क्या समझते है ?
उत्तर :- जलीय विलयन- किसी पदार्थ को जल में घुलाकर जो विलयन बनता है उसे जलीय विलयन कहते है |उदाहरण के लिए नमक, अमोनियम क्लोराइड और कॉपर सल्फेट के जल में बने विलयन इन पदार्थों के जलीय विलयन है |
अजलीय विलयन- कुछ ऐसे भी पदार्थ है जो जल के अतिरिक्त एनी द्रवों में घुलकर विलयन बनाते है | ऐसे द्रवों में अल्कोहल ऐसिटोन, कार्बन टेट्राक्लोराइड और कार्बन डाईसल्फाइड मुख्य है | इन द्रवों से बने विलयन अजलीय विलयन कहलाते है |
9. वास्ताविक विलयन की किन्ही दो विशेषताओं का उल्लेख करे |
उत्तर :- (i) विलयन स्वच्छ एवं पारदर्शी होता है | उदाहरण के लिए नमक का जल में विलयन स्वच्छ एवं पारदर्शी होता है |
(ii) विलयन को कुछ समय तक स्थिर छोड़ देने पर भी विलेय के कण नीचे नहीं बैठते है |
10. असंतृप्त विलयन से क्या समझते है ?
उत्तर :- किसी निश्चित ताप पर बना वह विलयन जिसमे विलेय की और अधिक मात्रा उस ताप पर घुलाई जा सकती है, असंतृप्त विलयन कहलाता है |
11. असंतृप्त विलयन और संतृप्त विलयन में क्या अंतर है ? स्पस्ट करे |
उत्तर :- किसी निश्चित ताप पर बना वह विलयन जिसमे विलेय की अधिकतम मात्रा घुली हो, संतृप्त विलयन कहलाती है जबकि असंतृप्त विलयन में घुल्य की और अधिक मात्रा उस ताप पर घुलाई जा सकती है |
12. अतिसंतृप्त विलयन क्या है ?
उत्तर :- वह संतृप्त विलयन जिसमे घुल्य की मात्रा उस विलयन को संतृप्त करने के लिए आवश्यक घुल्य की मात्रा से अधिक घुली हो, अतिसंतृप्त विलयन कहलाता है |
13. किसी पदार्थ की विलयेता की परिभाषा दें | विलयेता पर ताप और दाब का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :- एक निश्चित ताप पर 100g विलायक को संतृप्त करने के लिए किसी पदार्थ की जितनी मात्रा ( ग्राम में ) की आवश्यकता होती है, उसे उस ताप पर उस पदार्थ का विलयेता कहते है |
विलयेता पर ताप का प्रभाव- साधारणत ठोस पदार्थ की जल में विलयेता ताप बढ़ने से बढ़ती है | जैसे- सोडियम सल्फेट, कैल्शियम हाइड्राआक्साइड आदि |
विलयेता पर दाब का प्रभाव- किसी द्रव में ठोस पदार्थ की विलेयता पर दाब का प्रभाव बहुत ही कम पड़ता है | उदाहरण के लिए, दाब बढाने पर जल में सोडियम क्लोराइड की विलयेता में बहुत ही कम वृद्धि होती है |किन्तु द्रव में किसी गैस की विलयेता पर दाब का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है | दाब बढाने पर विलयेता बढाती है और दाब कम करने पर विलयेता घटती है |
14. दो अलग-अलग परखनलियों में से एक में नमक का जल में असंतृप्त विलयन और दुसरे में संतृप्त विलयन रखा गया है | इनकी पहचान आप कैसे करेंगे |
उत्तर :- यह जाँच करने के लिए की विलयन संतृप्त है या असंतृप्त | इसके लिए उस विलयन में थोड़ा घुल्य डालकर काँच की छड से अच्छी तरह मिलाएं | यदि घुल जाता है तब विलयन असंतृप्त माना जता है, अन्यथा संतृप्त |
15. कोलाइडी वियलन क्या है ?
उत्तर :- कोलाइडी किसी वास्तविक विलयन एवं निंबन के बीच की स्थिति होती है | न तो यह वास्तविक विलयन होता है और न निलंबन अर्थात न तो इसमे विलय के कण द्रव में पूरी तरह घुलते है और न इस प्रकार निलंबित रहते है की न हिलाने पर तली में बैठ जाएं | कोलाइड में ठोस कणों का आकार 10-9 मीटर से 10-6 मीटर के बीच होता है | कोलाइड में द्रव माध्यम, पारीक्षेपण माध्यम कहलाता है तथा घुले हुए कण परिक्षिप्त प्रावस्था कहलाते है | उदाहरण :- दूध, रक्त, लिखने वाली स्याही तथा साबुन के झाग |
16. निम्नलिखित में प्रत्येक का एक उदाहरण दें |
पायस, जेल, एरोसाल, झाग |
उत्तर :- पायस - दूध
जेल - मक्खन
एरोसाल - कुहासा
झाग - साबुन
किसी भी कोलाइडी विलयन का अवक्षेप में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को स्कंदन कहते है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :-
1. तत्व, यौगिक और मिश्रण की परिभाषा लिखें |
उत्तर :- तत्व - तत्व पदार्थ का एक शुद्ध और सरलतम द्रव्य है जो किसी भी भौतिक या रासायनिक विधि द्वारा दो या दो से अधिक सरल दराव्यों में विभाजित नहीं किया जा सकता है |
यौगिक - यौगिक वह शुद्ध पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों के भार के विचार से एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग के फलस्वरूप बनता है |
मिश्रण - मिश्रण वह पदार्थ है जो दो या से अधिक तत्वों या यौगिकों को किसी भी अनुपात में परस्पर मिला देने से बनता है और इसके अवयवों को सरल यांत्रिक विधियों द्वारा पृथक किया जा सकता है
2. यौगिक की प्रमुख विशेषताएँ लिखें |
उतर :- (i) यौगिक के अवयवी तत्वों को किसी भी यांत्रिक या भौतिक विधि द्वारा अलग-अलग नहीं किया जा सकता है |
(ii) किसी यौगिक के गुण उसके अवयवी तत्वों के गुणों से नितांत भिन्न होते है |
(iii) किसी यौगिक के बनने में उष्मा या प्रकाश के रूप में ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण होता है |
(iv) यौगिक में उसके अवयवी तत्व भार के विचार से एक निश्चित अनुपात में रहते है |
(v) यौगिक के द्रवनांक और क्वथनांक निश्चित होते है |
(vi) यौगिक एक समांग पदार्थ है अर्थात यौगिक के संघटन और गुण हमेशा एक सामान रहते है
3. तत्व और यौगिक में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर :-
तत्व
यौगिक
(i)
ये वे पदार्थ है जिसे दो या दो से अधिक विभिन्न पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता है |
इसे रासायनिक विधियों द्वारा दो या से अधिक विभिन्न गुण वाले पदार्थ में विभक्त किया जा सकता है |
(ii)
ये एक ही प्रकार के परमाणुओं का बना होता है |ये विभिन्न प्रकार के परमाणुओं का बना होता है |
(iii)
ये सिर्फ एक ही पदार्थ का बना होता है |
ये दो या अधिक विभिन्न पदार्थों से बना होता है |
(iv)
इनमे भौतिक और रासायनिक गुण यौगिकों से भिन्न होते है |इसमे भौतिक और रासायनिक गुण तत्वों से भिन्न होते है |
(v)
इसका सूक्ष्मतम कण परमाणु कहलाता है |
इसका सूक्ष्मतम कण अणु कहलाता है |
5. समांग और विसमांग मिश्रण से आप क्या समझते है ? प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दें |
उत्तर :- समांग मिश्रण - इसका संघटक सम्पूर्ण मिश्रण में एक रूप रहता है | इसके अवयवों के बीच कोई सस्प्ष्ट विभाजक सीमाएं नहीं होती है |
उदाहरण- जल में चीनी का विलयन एक मिश्रण है | यह समांग होता है | इस विलयन के पृथक-पृथक नहीं दिखाई देते है |
विषमांग मिश्रण - इसका संघटक सम्पूर्ण मिश्रण के अंतर्गत एकरूप नहीं रहता है | इस मिश्रण के विभिन्न अवयवों के मध्यय सुस्पष्ट विभाजक सीमाएं होती है |
उदहारण- बालू और साधारण नमक का मिश्रण विषमांग होता है | इस मिश्रण के विभिन्न भागों में इसके अवयवों का अनुपात भिन्न-भिन्न होता है | एक आवर्धक काँच से देखने पर बालू और नमक के कण अलग-अलग तथा स्पष्ट दिखाते है।
6. अमोनिया क्लोराइड को बालू से उर्ध्वपातन विधि की सहायता से आप कैसे पृथक करेंगे ? सचित्र वर्णन करें |
उत्तर :- उर्ध्वपातन विधि द्वारा बालू और अमोनिया क्लोराइड के मिश्रण से अमोनियम क्लोराइड को पृथक किया जा सकता है |
व्याख्या- उक्त मिश्रण को एक पोर्सिलेन बेसिन में लेकर इसके ऊपर एक कोणीय फनेल (शंकुकिप ) उलटकर रख देते है | फनेल सिरे को कपास की रुई से बंद कर देते है | बेसिन को गर्म करने पर मिश्रण में उपस्थित अमोनियम क्लोराइड बिना पिछले ही वाष्प में परिवर्तन होकर ऊपर उठता है जो फनेल के अन्दर ठन्डे भागों के रूप में परिणत होकर एकत्र हो जाता है | फलस्वरूप बालू से अमोनियम क्लोराइड अलग हो जाता है
|
7. प्रभाजी स्रवन का वर्णन करें |
उत्तर :- यह विधि दो या अधिक मिश्रणीय द्रवों के मिश्रण के अवयवों को पृथक करने में अपनाई जाती है बतर्शे की उन अवयवी द्रवों के क्वथनांक का अंतर 100C या कम हो | उदाहरण के लिए, मेथिल अल्कोहल (क्वथनांक 650C ) को एसीटोन (क्वथनांक 560C ) से इस विधि द्वारा पृथक किया जा सकता है |
मिश्रण को एक गोल पेंदी फ्लास्क में लेकर बालू ऊष्मक पर गर्म करते है | यह फ्लास्क एक प्रभाजक स्तम्भ से जुदा रहता है, जैसे की चित्र में दिखाया गया है | प्रभाजक सतम्भ में कई फंदे होते है, जिनमे उच्च क्वथनांक वाले या कम वाष्पशील द्रव संघनित होते है | निम्न क्वथनांक या अधिक वाष्पशील द्रव के वाष्प संघनक में जाकर संघनित हो जाता है | इस द्रव को एक अलग ग्राहक में एकत्र कर लिया जाता है | इस द्रव के क्वथनांक पर ताप तबतक स्थिर रहता है जबतक की यह द्रव पूर्णत वाष्पित होकर निकल नहीं जाता | इसके पश्चात ताप बढ़ने लगाता है और अपने उच्च क्वथनांक वाले के क्वथनांक पर पुन स्थिर हो जाता है | यह द्रव भी पूर्णत वाष्पित होकर संघनक में द्रवीभूत होता है जिसे एक दुसरे ग्राहक में एकत्र कर लिया जता है | इस प्रकार से मिश्रण के सभी अवयवों को अलग-अलग प्राप्त किया जा सकता हैं।
8. लोहा को गंधक से पृथक की किन्हीं दो विधियों का उल्लेख करें |
उत्तर :- (i) पृथकरण विधि - लौह-चूर्ण और गंधक के मिश्रण से लौह-चूर्ण को चुम्बकीय पृथक्करण विधि द्वारा पृथक किया जा सकता है | इस मिश्रण के ठीक उपर एक चुम्बक लाने पर लोहे के बारीक कण चुम्बक की ओर आकर्षित होकर चिपक जाते है | गंधक अचुम्बकीय होने के कारण चुम्बक की ओर आकर्षित नहीं होता है |
(ii) छनना विधि - लोहे के चूर्ण और गंधक के मिश्रण में कार्बन डाईसल्फाइड डालने पर गंधक उनमे घुल जाती है, किन्तु लोहे के कणों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है | प्राप्त द्रव को छानने पर लोहा पृथक हो जाता है |
9. विलेय, विलायक और विलयन की व्याख्या करें |
उत्तर :- विलेय - जो पदार्थ द्रव में घुलकर विलयन बनाता है, वह विलेय कहलाता है |उदाहरण- नमक, अमोनिया क्लोराइड और कापर सल्फेट आदि |
विलायक - जिस द्रव में किसी पदार्थ को घुलाया जाता है, उस द्रव को विलायक कहते है |उदाहरण- जल |
विलयन - दो या अधिक पदार्थों समांग मिश्रण विलयन कहलाता है | समांग का अर्थ है - विलयन के सभी भागों में एकरूपता | विलयन का संघटक एकरूप होता है |
10. विलेयता क्या है ? कमरे के ताप पर जल में शोरा ( पोटेशियम नाइट्रेट ) की विलेयता ज्ञात करने की विधि का उल्लेख करें |
उत्तर :- विलेयता- एक निश्चित ताप पर 100 g विलायक को संतृप्त करने के लिए किसी पदार्थ की जीतनी मात्रा (ग्राम में ) की आवश्यकता होती है, उसे उस ताप पर उस पदार्थ की विलेयता कहते है |
मान ले, कमरे के ताप पर हमें पोटेशियम नाइट्रेट की जल में विलयेता यात करनी है | इसके लिए जल में सोडियम क्लोराइड का संतृप्त विलयन तैयार करते है | इस विलयन का लगभग 10 mL पहले से तुले (वजन ) हुए एक पोर्सिलेन बेसिन में लेते है | विलयन के साथ बेसिन को पुन तौल लेते है | अब बेसिन को बालू-उष्मक पर रखकर धीरे-धीरे गर्म करते है | जब पूरा जल वाष्पित हो जाता है और बेसिन में सिर्फ ठोस अवशेष ( पोटेशियम नाइट्रेट ) बाख जाता है तब बेसिन को एक शुश्काकारक में रखकर ठंडा करते है | इसके पश्चात ठोस अवशेष ( पोटेशियम नाइट्रेट ) के सस्थ बेसिन को तौल लेते है | गर्म करने, ठंडा करने तथा तौलने का काम तबतक किया जाता है तबतक की दो तौल एक सामान न हो जाए |
अब गणना निम्न प्रकार से की जाती है -
मान लिया की बेसिन तथा छड का द्रव्यमान = w1 ग्राम
बेसिन, छड़ तथा विलयन का द्रव्यमान = w2 ग्राम
इसलिए, विलयन का द्रव्यमान = (w2 - w1 )ग्राम
विलयन को गर्म करने के बाद स्थिर भार बेसिन,
छड तथा विलेय पदार्थ का द्रव्यमान = w3 ग्राम
विलेय का द्रव्यमान = ( w3 - w1 )ग्राम
विलायक ( जल ) का द्रव्यमान = (w2 -w1 ) - (w3 - w1 ) = (w2 - w3 ) ग्राम
अर्थात कमरे के ताप पर ( w2 - w3 ) ग्राम जल में (w3 - w1 ) ग्राम विलेय घुलकर संतृप्त विलयन बनाता है |
11. वास्तविक विलयन, कोलाईडी विलयन और निलंबन में अन्तर स्पष्ट करें |
उत्तर :-
वास्तविक विलयन
कोलाईडी विलयन
निलंबन
(i)
यह दो या अधिक पदार्थों का सजातीय मिश्रण होता है |
यह सजातीय दिखने वाला, लेकिन विशाम्जातीय मिश्रण होता है |
यह किसी ठोस का विशाम्जातीय मिश्रण है | हो द्रव या गैस में विस्खेपित रहता है |
(ii)
विलेय के अणु दिखाई नहीं दे सकते है |
विलेय के अणु सूक्ष्मदर्शी से दिखाई दे सकते है |
ठोस अवस्था के अणु नंगी आँखों से दिखाई दे सकते है \
(iii)
अणु का आकार 10-9 मी. से कम होता है |
अणु का आकार 10-6 से 10-9 मी. के बीच होता है |
अणु का आकार 10-6 मी. से अधिक होता है |
(iv)
छानकर संघटको को पृथक नहीं किया जा सकता है |
संघटको को केवल अपकेंद्रिकरण द्वारा ही पृथक किया जा सकता है |
घटकों को साधारनतया छानकर पृथक किया जा सकता है |
(v)
उदाहरण : चीनी का जलीय विलयन
दुग्ध
गन्दला पानी
12. कोलाइडी विलयन के प्रमुख गुण क्या है ?
उत्तर :- (i) विषमांग मिश्रण- कोलाईडी विलयन विषमांग होता है | इसमे परिक्षेपित कणों को उच्च क्षमता वाले माइक्रोस्कोप की सहायता से देखा जा सकता है |
(ii) छानना-क्रिया - कोलाईडी के कण छन्ना-पात्र के आर-पार-आ-जा सकते है |
(iii) स्थायित्व - कोलाईडी के कण बहुत स्थायी होते है |कोलाइड को स्थिर छोड़ देने पर उसके कण नीचे नहीं बैठते है |
(iv) कणों का आकार - कोलाइड के कणों का आकार ( व्यास )10-7 cm और 10-5 cm के बीच होता है |
(v) ब्राउनी गति - कोलाइडी विलयन के अंतर्गत के कण टेढ़े-मेढ़े मार्ग से होकर अनवरत गमन करते है | इसे ब्राऊनि गति कहा जाता है | कोलाइड के कणों का विलायक के कणों के साथ टक्कर होते होते रहने से ब्राऊनी गति उत्पन्न होती है |
13. विलयन के सांद्रण से आप क्या समझते है ? विलयन का सांद्रण व्यक्त करने की एक विधि का वर्णन करें |
उत्तर :- विलयन के इकाई परिमाण ( आयतन या द्रव्यमान ) में घुले हुए घुल्य की मात्रा को विलयन का सांद्रण या सामर्थ्य कहते है | किसी विलयन का सांद्रण या सामर्थ्य इस बात पर निर्भर करता है की उस विलयन में कितना घुल्य घुला है |
विचलन का सांद्रण व्यक्त करने की एक विधि ये है -
प्रतिशत द्रव्यमान के रूप में - यदि x ग्राम द्रव में y ग्राम पदार्थ विलीन हो तो सांद्रण = 100y/x%
14. स्याही में उपस्थित रंगों को कैसे पृथक किया जाता है ?
उत्तर :- क्रोमोप्लास्ट तकनीक की सहायता से अस्याही के अवयव पृथक किए जा सकते है |
विधि - छन्ना-पत्र की एक पतली पट्टी लेते है | इस पट्टी के आधार पर लभग 2 cm ऊपर नीली स्याही की एक बूंद रख लेते है | अब पट्टी के निचले भाग को काँच के एक बर्तन में रखे जल में डुबो देते है |
बर्तन के अन्दर छानना-पत्र लटकता रहता है, जैसा की चित्र में दिखाया गया है | कुछ समय के पश्चात आप पायेंगे की -
(i) छन्ना-पत्र के ऊपर विभिन्न रंग वाले निशाल ऊपर उठाते है |
(ii) विलायक में अधिक घुलनेवाला अवयव तीव्रता से ऊपर चढ़ता है, जबकि कम घुलनेवाला अवयव उसके पीछे-पीछे चलता है |
रंग के जो घटक जल में अधिक घुलनशील होते है, वे तेजी से निकलते है और इस प्रकार रंग पृथक हो जाता है |
15. जल का स्रवन दिखाने के लिए एक सरल प्रयोग का वर्णन करें |
उत्तर :- स्रवन विधि में किसी द्रव ( जल ) को उबाल देते है और वाष्प को ठंडा करके पुनह द्रव (जल) प्राप्त कर लेते है |
सरल प्रयोग - स्रवन की क्रिया एक गोल पेंदी वाले फ्लास्क में कराई जाती है | इसे स्रवन फ्लास्क कहते है | इस फ्लास्क की गरदन में एक पार्श्व नली रहती है जो एक संघनक से जुडी रहती है, इसे लिबिग संघनक कहते है | इसी संघनक में द्रव (जल) का वास्प ठंडक पाकर द्रवीभूत होकर एक ग्राहक में एकत्र होता है | उपकरणों की सजावट को चित्र में दिखाया गया है |
द्रव (जल) को स्रवन फ्लास्क में लेकर धीरे-धीरे गर्म करके उबालते है | वाष्प संघनक में ठंडक होकर द्रव (जल) के रूप में परिणत हो जाता है जिसे ग्राहक में एकत्र कर लिया जाता है |
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