रक्त एक तरल संयोजी उत्तक है जिस का पीएच मान 7.4 होता है।
रक्त एक प्राकृतिक कोलाइड है।
रक्त की प्रकृति क्षारीय होती है ।
स्वस्थ मानव में 5.5 लीटर रक्त अर्थात उसके कुल भार का 7% होता है ।
महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा आधा लिटर कम रक्त होता है।
रक्त विभिन्न पोषक पदार्थ तथा गैसों का परिवहन करता है।
रक्त परिसंचरण तंत्र की खोज विलियम हार्वे ने किया था।
रक्त में कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर 180 से 200 mg होता है।
रक्त के 2 भाग होते हैं प्लाज्मा (55-60%) तथा रक्त कणिकाएं (40-45%)
रक्त प्लाज्मा:- यह रक्त का एक महत्वपूर्ण भाग है इसका 90% भाग जल होता है और 10% भाग में प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट होते हैं प्लाज्मा में पाया जाने वाला प्रोटीन फाइब्रिनोजेन तथा प्रो थ्रो मबीन होता है ये दोनों प्रोटीन रक्त को थक्का बनाने में मदद करते हैं।
Serum:- जब रक्त प्लाज्मा में से फाइब्रिनोजेन नामक प्रोटीन निकाल लेते हैं, तो शेष बचा हुआ रक्त सिरम कहलाता है सीरम हल्के पीले रंग का होता है।
Corpuscles (कणिकाएं):
यह रक्त कणों का भाग होता है, इसे तीन भागों में बांट सकते हैं।
R.B.C.( Red Blood Corpuscles):
रक्त कणों का 99% भाग RBC होता है।
R.B.C. में केंद्र तथा लाइसोसोम नहीं पाया जाता है।
R.B.C. को erythrocyte भी कहते हैं । R.B.C. का जीवनकाल 120 दिन होता है। इसका निर्माण अस्थि मज्जा में होता है। भ्रूण अवस्था में इसका निर्माण यकृत में होता है।
खराब हुई R.B.C. स्प्लीन तथा यकृत में जाकर नष्ट हो जाते हैं। इसलिए स्प्लीन को R.B.C. का कब्र कहते हैं।
R.B.C. में हिमोग्लोबिन पाया जाता है और हिमोग्लोबिन के कारण ही रक्त का रंग लाल होता है।
R.B.C. का मुख्य कार्य ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन करना है।
हिमोग्लोबिन में लोहा पाया जाता है।
हिमोग्लोबिन की कमी से अरक्तता होता है जिसे एनीमिया भी कहते हैं।
W.B.C.(White Blood Corpuscles) श्वेत रक्त कणिकाएं:-
W.B.C. को ल्यूकोसाइट भी कहते हैं।
W.B.C. को श्वेत रक्त कणिकाएं कहते हैं। इनकी संख्या 8000 से 10000 के बीच होती है इनमें केंद्रक पाया जाता है इसमें हिमोग्लोबिन नहीं होती है जिस कारण यह सफेद रंग की दिखती है।
W.B.C.का आकार अनियमित होता है W.B.C. का निर्माण अस्थि मज्जा में होता है। इसका जीवनकाल 4 दिन होता है।
R.B.C.:W.B.C= 600:1 होता है।
W.B.C. हमें बीमारियों से बचाता है ,अतः रोगों से हमें रक्षा करता है।
W.B.C. कई प्रकार के होते हैं।
रक्त के कार्य:-
रक्त पचे हुए भोजन पदार्थों का परिवहन करता है।
रक्त कार्बन डाई ऑक्साइड तथा ऑक्सीजन का परिवहन करता है।
रक्त उत्सर्जित पदार्थों का निष्कासन करता है।
रक्त तापमान को नियंत्रित करता है तथा यही कारण है कि मलेरिया बुखार में स्प्लीन के प्रभावित होने के कारण शरीर का तापमान गिर जाता है।
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