रासायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण वर्ग 10

1. रासायनिक  अभिक्रिया क्या है?
दो या अधिक परमाणु परस्पर संयोग करके अणु का निर्माण करते हैं, जब कोई तत्व या यौगिक किसी दूसरे पदार्थ के साथ संयोग करता है , तब उसके अणु परमाणु में टूट जाते हैं और इन्हीं परमाणुओं के पुन: संगठन से किसी भिन्न पदार्थ के अणु बनते हैं इस प्रक्रिया को रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं।

 जब कोई पदार्थ अकेले ही या किसी अन्य पदार्थ से क्रिया करके एक एक या अधिक भिन्न गुणों वाले नए पदार्थों का निर्माण करता है तब यह प्रक्रिया रसायनिक अभिक्रिया कहलाती है।

 जो पदार्थ रसायनिक अभिक्रिया में  भाग लेकर नए पदार्थ का निर्माण करते हैं अभिकारक कहलाते हैं तथा रसायनिक अभिक्रिया के फल स्वरुप बने नए पदार्थ प्रतिफल कहलाते हैं।

 2. रासायनिक अभिक्रिया की क्रिया विधि:-
किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में अभीकारकों के अणु पहले टूटकर परमाणुओं में परिवर्तित होते हैं, फिर यह परमाणु ही आपस में पुन: संगठित होकर प्रतिफल के अणु बनाते हैं इन प्रक्रियाओं में अभिकारक अणुओं की परमाणु के बीच के बंधन टूटते हैं और अभिक्रिया के फल स्वरुप परमाणु के बीच नए बंधन बनते हैं जिससे प्रतिफल के अणुओ का निर्माण होता है।
3.रासायनिक अभिक्रिया उनकी विशेषताए:-
किसी रासायनिक अभिक्रिया की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं --
  (1). गैस की उत्पत्ति :
कुछ रासायनिक अभिक्रिया ऐसी हैं जिनमें कोई गैस उत्पन्न होती है उदाहरण के लिए दानेदार जस्ता की अभिक्रिया तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल सिया सल्फ्यूरिक अम्ल से कराने पर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।

देखी जाती है।

Zn+ 2 HCl →  ZnCl 2  + H 2 

Zn+  H2 SO 4  →  Zn  SO 4  + H 2 

एक परखनली में थोड़ा सोडियम कार्बोनेट लेकर उसमें तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है।


Na 2 CO 3 (s) + 2 HCl → 2NaCl(aq) + CO 2 (g) + H 2 O(l)


(2) अवक्षेप का बनना:-
अवक्षेप  एक ठोस पदार्थ हैं, जो रासायनिक अभिक्रिया के फल स्वरुप विलियन में पृथक हो जाता है।
 उदाहरण के लिए सोडियम क्लोराइड के जलीय विलियन में सिल्वर नाइट्रेट का बिलियन डालने पर सिल्वर क्लोराइड का दही जैसा सफेद अवक्षेप  प्राप्त होता है।
बेरियम क्लोराइड के जलीय विलयन में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल डालने पर बेरियम सल्फेट का सफेद अवक्षेप बनता  है।
(3)रंग परिवर्तन:-
कुछ रासायनिक अभिक्रिया में पदार्थों के रंग में भी परिवर्तन होता है उदाहरण के लिए पोटेशियम परमैग्नेट के बैगनी रंग के विलयन  में थोड़ा-थोड़ा करके नींबू का रस निचोड़ ने पर विलयन का बैगनी रंग धीरे-धीरे गायब हो जाता है।
पोटैशियम डाई क्रोमेट के अम्लीय विलयन का रंग नारंगी होता है ,इसमें सल्फर डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित की जाए तो विलयन का रंग नारंगी से हरा हो जाता है।
(4)ताप में परिवर्तन:
कुछ रासायनिक अभिक्रिया के फल स्वरुप ताप में परिवर्तन होता है ,उदाहरण के लिए यदि कली चुनना के  ढेले पर  जल गिराया जाए  तो पर्याप्त मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है , जिससे  अभिक्रिया  मिश्रण का ताप बहुत बढ़ जाता है इसलिए यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी है।
 इसके विपरीत :
एक परखने में थोड़ा अमोनियम क्लोराइड लेकर उसमें बेरियम हाइड्रोक्साइड का बिलियन डालने पर अभिक्रिया के फल स्वरुप बेरियम क्लोराइड अमोनिया एवं जल बनते हैं इसमें मिश्रण का ताप घट  जाता है जिससे परखनली को स्पर्श करने पर ठंडक महसूस होती है अतः यह अभिक्रिया
ऊष्माशोषी है। 
(5).अवस्था में परिवर्तन:-
कुछ रसायनिक अभिक्रिया के फल स्वरुप पदार्थों की अवस्था में भी परिवर्तन होता है उदाहरण के लिए मोमबत्ती को जलाने पर मूंग का कुछ भाग द्रवित होकर नीचे गिरता है और कुछ भाग वास में परिवर्तित होकर जलता है आता मोमबत्ती के जलने पर ठोस मोम द्रव और गैस में परिवर्तित होता है  मोमबत्ती का  मोम जलकर  कार्बन डाइऑक्साइड और जल में परिवर्तित हो जाता है ।

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                                 A   +    B    è    C  +  D

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H2  +  Cl2  è  2HCl
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H2 + O2  è H2O

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1-   Mg + HCl èMgCl2 +H2

2-   AlCl+Ca(OH)2  è Al(OH)3 +CaCl2

3-   Fe + H2è Fe3O4 + H2

4-   KClO3     èKCl + O2

5-   Al+  H2SO4  èAl2(SO4)3  + H2

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C+O2 --> CO2 + HEAT

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5- vfHkfdz;k dh ‘krksZ dh tkudkjh ds fy,  rhj ds fpUg ds mij ;k uhps rki] nkc] lkanz.k ] mRizsjd vkfn dks funsZf’kr fd;k tkrk gSSA

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विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रिया :-

1.संयोजन अभिक्रिया  या संश्लेषण अभिक्रिया
2 वियोजन अभिक्रिया या अपघटन अभिक्रिया
3. वैद्युत अपघटन अभिक्रिया
4. एकल विस्थापन अभिक्रिया
5. उभय विस्थापन अभिक्रिया 
1. संयोजन या संश्लेषण अभिक्रिया:-
  वह रासायनिक अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक तत्व या यौगिक आपस में सहयोग करके एक नए यौगिक का निर्माण करते हैं इनका गुण मूल तत्व या यौगिक से बिल्कुल ही भिन्न होता है ,संश्लेषण अभिक्रिया कहलाता है ।
जैसे :-
=>कार्बन ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है।
=>मैग्नीशियम ऑक्सीजन की उपस्थिति में जब जलाया जाता है तो मैग्निशियम ऑक्साइड का सफेद चूर्ण
 =>लोहा एवं  गंधक के मिश्रण को गर्म करने पर आयरन सल्फाइड  बनाता है .
 =>कार्बन मोनोऑक्साइड  ऑक्सीजन में जलकर  कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है ।
=>कैल्शियम ऑक्साइड  जल के साथ अभिक्रिया करके  कैल्शियम हाइड्रोक्साइड  का निर्माण करता है  तथा पर्याप्त मात्रा में  उस्मा उत्सर्जित होती है.
=> भाखरा चूना के जलीय विलियन का उपयोग दीवारों पर सफेद रंग की पुताई करने के लिए  किया जाता है , वायु मंडल से  कार्बन डाइऑक्साइड, अवशोषण करके  सफेद  कैल्शियम कार्बोनेट में परिवर्तित हो जाता है  जिससे दीवार की चमक बढ़ जाती है ।
=> सल्फर ट्राइ ऑक्साइड जल से अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक  एसिड बनाता ह
2. वियोजन या अपघटन अभिक्रिया:-वह अभिक्रिया जिसमे किसी  यौगिक  के बड़े अणु  के टूटने से दो या दो से अधिक सरल यौगिक बनते हैं इनके गुण मूल यौगिक के गुणों से बिल्कुल भिन्न होते हैं।
=>कैल्शियम कार्बोनेट को गर्म करने पर  वह अपघटित होकर,  कैल्शियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड देता है । 
=>पोटैशियम क्लोरेट को गर्म करने पर वह अपघटित हो कर पोटैशियम क्लोराइड बनाता है ,और ऑक्सीजन गैस निकलती है।
3. वैद्युत अपघटन अभिक्रिया
 वह रासायनिक अभिक्रिया जो विद्युत धारा के उपस्थिति में होती है, इसमें यौगिक  के विलियन में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर धातु कैथोड पर तथा अधातु एनोड पर मुक्त होती है ।जैसे :    
   =>सोडियम क्लोराइड  के विलयन मेे विद्युत धारा प्रवाहित करने पर सोडियम धातु कैथोड पर और क्लोरीन गैस एनोड  पर मुक्त होती है ।
कैथोड पर ऋण आवेश तथा एनोड पर धन आवेश होता है।

=>जल से होकर विधुत धारा प्रवाहित करने पर जल अपघटित होकर, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन देता है ।

हाइड्रोजन गैस कैथोड पर और ऑक्सीजन गैस  एनोड पर मुक्त होती है।
4. एकल विस्थापन अभिक्रिया:-
     वह अभिक्रिया जिसमे किसी अणु में उपस्थित किसी परमाणु या परमाणु के समूह को इसके, दूसरे परमाणु द्वारा  विस्थापित कर दिया जाता है ,एकल विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है ।
जब कॉपर सल्फेट के विलयन में लोहे को डाला जाता है तब लोहा कॉपर सल्फेट से कॉपर को विस्थापित कर देता है
अधिक क्रियाशील धातु कम क्रियाशील धातु को विस्थापित कर देती है।




=>कॉपर सल्फेट के विलयन में  जिंक के टुकड़े को डालने पर जिंक  कॉपर को विस्थापित कर देता है।
5. उभय विस्थापन अभिक्रिया
विस्थापन अभिक्रिया में दो यौगिक अपने आयनों का विनिमय या आदान प्रदान करके दो नए यौगिक का निर्माण करते हैं जैसे :-
=> सोडियम क्लोराइड के विलियन में सिल्वर नाइट्रेट का विलयन मे  डालने पर सिल्वर क्लोराइड और सोडियम नाइट्रेट बनाते हैं, सिल्वर क्लोराइड सफेद अवक्षेप के रूप में प्राप्त होता है

6. उदासीनीकरण अभिक्रिया:-
 वह रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें, अम्ल , क्षार से अभिक्रिया करके लवण  और जल बनाता है, इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते है।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल सोडियम हाइड्रोक्साइड से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड और जल बनाता है।
सल्फ्यूरिक अम्ल पोटेशियम हाइड्रोक्साइड से अभिक्रिया करके पोटेशियम सल्फेट और जल बनाता है।
उदासीनीकरण अभिक्रिया में हम और बस एक दूसरे के गुणों को नष्ट कर देते हैं।
7.अवक्षेपण अभिक्रिया:-
 वैसी रासायनिक अभिक्रिया , जिसमें अभिक्रिया के फल स्वरुप कोई ना कोई प्रतिफल  या उत्पाद ठोस के रूप में विलियन से पृथक हो जाता है, ऐसी अभिक्रिया  अवक्षेपण अभिक्रिया कहलाती है।
 पृथक होने वाले ठोस पदार्थ और अवक्षेप कहलाते हैं।
सोडियम क्लोराइड के विलियन में सिल्वर नाइट्रेट का विलयन मे डालने पर सिल्वर क्लोराइड और सोडियम नाइट्रेट बनाते हैं, सिल्वर क्लोराइड सफेद अवक्षेप के रूप में प्राप्त होता है
8. प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया:- वैसे रासायनिक अभिक्रिया है जो प्रकाश का अवशोषण करके घटित होती है प्रकाश रासायनिक अभिक्रियाएं कहलाते हैं।
वे रासायनिक अभिक्रिया है जो केवल प्रकाश के उपस्थिति में घटित होती हैं उन्हें प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं।
1. हाइड्रोजन और क्लोरीन गैसों के मिश्रण को अंधेरे में रखने पर उनके बीच कोई अभिक्रिया नहीं होती है लेकिन उस मिश्रण को सूर्य के प्रकाश में रख देने पर वे आपस में सहयोग करके हाइड्रोजन क्लोराइड बनाती है।
2.पौधे द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया भी प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया का उदाहरण है इसमें हरे पौधे वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड और पृथ्वी से जल का अवशोषण करके सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन कार्बोहाइड्रेट बनाते हैं।
3. सिल्वर क्लोराइड प्रकाश की उपस्थिति में आप घटित होकर सिल्वर और क्लोरीन में टूट जाता है।
4. सिल्वर ब्रोमाइड प्रकाश की उपस्थिति में अपघटित होकर सिल्वर और ब्रोमीन में टूट जाता है।
5. सिल्वर आयोडाइड प्रकाश की उपस्थिति में अपघटित  होकर  होकर सिल्वर एवं आयोडीन में टूट जाता है।
9. ऑक्सीकरण एवं अवकरण अभिक्रिया :


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