प्रकाश का परावर्तन तथा अपवर्तन SUBJECTIVE
1. क्रांतिक कोण (Critical Angle) किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है, तो वह अभिलंब से परे हटती है अर्थात् विरल माध्यम में बना अपवर्तित कोण (∠r) सघन माध्यम में बने आपतित कोण (∠i) से बड़ा होता है। यदि विरल माध्यम में बना अपवर्तित कोण एक समकोण के समान हो जाए तो इसके सापेक्ष सघन माध्यम में बना आपतित कोण, क्रांतिक कोण कहलाता है।
2 . पैरिस्कोप किसे कहते हैं इसके क्या उपयोग हैं ?
उत्तर ⇒ पैरिस्कोप एक यंत्र है जिसके द्वारा हम अपने में छिपी हुई वस्तुओं को देख सकते हैं। सैनिक खाइयों में छिपकर मैदानों- पहाड़ों को देख सकते हैं और पनडुब्बियों में बैठे सैनिकों, समुद्र तल का पर्यवेक्षण कर सकते हैं। किसी धुंध वाले दिन अवरक्त फोटोग्राफी भी इसकी सहायता से की जा सकती है। पैरिस्कोप समतल दर्पणों की सहायता से बनाए जा सकते हैं जो प्रकाश के परावर्तन-सिद्धांत पर कार्य करते हैं। उच्च कोटि के पैरिस्कोप में प्रिज्मों का प्रयोग किया जाता है।
3 . समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब की विशेषताएँ लिखिए !
उत्तर ⇒ समतल दर्पण के सामने जितनी दूरी पर कोई वस्तु हो उसका बिंब उतना ही पीछे बनता है। समतल दर्पण में किसी वस्तु के पूरे बिंब को देखने के लिए दर्पण का आकार में उससे आधा होना आवश्यक होता है।
4 .अवतल दर्पणों के उपयोग लिखिए।
उत्तर ⇒ अवतल दर्पण के निम्न उपयोग हैं।
(i) बड़े आकार के अवतल दर्पणों का प्रयोग और ऊर्जा के लिए किया जाता है।
(ii) इनका प्रयोग वाहनों की हैडलाइट्स, लैपों, सर्चलाइट, टार्च आदि बनाने में किया जाता है।
(iii) शेविंग दर्पणों को बनाने में इनका प्रयोग किया जाता है।
(iv) दंत चिकित्सक तथा विशेषज्ञ रोगी का परीक्षण करने के लिए इनका प्रयोग करते हैं।
5. प्रकाश का अपवर्तन क्या है ? इसके नियमों को लिखें।
उत्तर ⇒ प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम हैं-
(i) आपतित किरण,अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) जब एक ही रंग के प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती है तो आपतन कोण (i) की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होता है । इस नियम को स्नैल का नियम भी कहते
6 . समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आर्वधन +1 है, इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर ⇒ एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आर्वधन +1 होने का अर्थ है कि समतल दर्पण के द्वारा जिस वस्तु का प्रतिबिम्ब बन रहा है, उस वस्तु का साइज दर्पण (समतल) द्वारा बनाए गए प्रतिबिम्ब के साइज के बराबर है। धनात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब सीधा तथा आभासी है।
7 . उत्तल लेस के दो उपयोग को बताएँ !
उत्तर ⇒ उत्तल लेंस का दो उपयोग इस प्रकार हैं-
(i) नेत्र से दूर-दृष्टि दोष को सुधारने में
(ii) छपाई के छोटे-छोटे अक्षरों के पढ़ने में होता है।
8. प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं ? इसके नियमों को लिखें ।
उत्तर ⇒ जब प्रकाश किसी पॉलिश की हुई या चमकदार सतह पर पड़ता है तो यह एक सुनिश्चित दिशा में विस्तारित होता है। किसी पॉलिश की हुई सतह से प्रकाश का एक सुनिश्चित रूप से दिशा बदलने की परिघटना को परावर्तन कहते हैं।
प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं –
(i) आपतित किरण दर्पण के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण एक ही तल में होते हैं।
(ii) परावर्तन कोण सदैव आपतन कोण के बराबर होता है।
9 . दिए गये उत्तल लेंस, अवतल लेंस एवं काँच की एक वृत्ताकार। पटिका के सतहों को छुए बिना उनकी पहचान कैसे करेंगे ?
उत्तर ⇒ उत्तल लेंस, अवतल लेंस तथा काँच की पट्टिका को मुद्रित अक्षरों के ऊपर रखकर उठाने से यदि अक्षरों का आकार बढ़ता हुआ दिखाई दे तो वह उत्तल लेंस होगा और यदि अक्षरों का आकार छोटा दिखाई दे तो वह अवतल लेंस होगा। और यदि अक्षरों का आकार समान रहे तो वह काँच की वृत्ताकार पट्टिका होगी।
10. हमें वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं ?
उत्तर ⇒ उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में इसलिए वरीयता देते हैं। क्योंकि वे सदैव सीधा प्रतिबिम्ब बनाते हैं। इनका दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक है। क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं।
11. उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहा जाता है?
उत्तर ⇒ उत्तल लेंस के द्वारा आपतित समांतर किरणे अपवर्तन के फलस्वरूप | एक बिंदु पर मिलती हैं। यानी, उत्तल लेंस प्रकाश के समांतर किरणों को अभिसरित | करता है। अतः उत्तल लेंस को इसी गुण के कारण अभिसारी लेंस कहते हैं।
12 . उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अंतर लिखिए।
अवतल दर्पण | उत्तल दर्पण |
1. इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल अंदर धंसा होता है। | 1. इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल बाहर को उभरा होता है। |
2. इसमें वास्तविक और आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिंब बनते हैं। | 2. इसमें आभासी प्रतिबिंब बनता है। |
3. इसमें प्रतिबिंब उल्टा और सीधा दोनों बनते हैं। | 3. इसमें सीधा प्रतिबिंब बनता है |
4. इसमें प्रतिबिंब बड़ा, छोटा तथा वस्तु के आकार का, तीनों प्रकार का बनता है ? | 4. इसमें प्रतिबिंब छोटा बनता है |
13. उतल लेंस और अवतल लेंस में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तल लेंस | अवतल लेंस |
1. बीच में से मोटा तथा किनारों से पतला होता है। | 1. बीच में पतला तथा किनारों से मोटा होता है। |
2 अक्षर बड़े आकार के दिखाई देते हैं। | 2 अक्षर छोटे आकार के दिखाई देते हैं |
3. प्रकाश की किरणों को एक बिंदु पर केंद्रित करता है। | 3. प्रकाश-किरण पुंज को बिखेर देता है |
4. वस्तु का प्रतिबिंब वास्तविक, आभासी तथा उल्टा बनता है। | 4. वस्तु का प्रतिबिंब आभासी तथा सीधा बनता है। |
5. लेंस को बायीं तरफ हिलाएँ तो प्रतिबिंब दायीं तरफ गति करता है। | 5. लेंस को बायीं तरफ हिलाएँ तो प्रतिबिंब भी बायीं तरफ हटेगा। |
6. इसकी फोकस दूरी धनात्मक होती होती है। | 6. इसकी फोकस दूरी ऋणात्मक होती हैं | |
14. वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिंब में अंतर क्या है ?
वास्तविक प्रतिबिंब | आभासी प्रतिबिंब |
1. वास्तविक प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है | | 1.आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है | |
2.वास्तविक प्रतिबिंब सदैव उल्टे होते हैं | | 2. आभासी प्रतिबिंब सदैव सीधे होते हैं | |
3. वास्तविक प्रतिबिंब दर्पण के आगे बनता है | | 3.आभासी प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है | |
15. प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं ? इसके नियमों को लिखें !
उत्तर – प्रकाश की किरणो का किसी वस्तु से टकराकर लौटने की घटना को प्रकाश का प्रवर्तन कहते हैं ? प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं |
1 .आपतित किरण,परावर्तित किरण ,एवं आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलंब एक ही तल में होता है ।
2. आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है |
● आपतित किरण :- किसी दर्पण से आकर टकराने वाली किरण को आपतीत किरण कहते हैं |
● परावर्तित किरण :- दर्पण पर टकराने के बाद लौटने वाली की प्रकाश किरण को परावर्तित किरण कहते हैं |
● अभिलंब :- जिस बिंदु पर आपतीत किरण तथा परावर्तित किरण मिलती है उस बिंदु पर खींचा गया लंब अभिलंब कहलाता है |
● आपतन कोण :- आपतीत किरण तथा अभिलंब के बीच बने कोण को आपतन कोण कहते हैं |
● परावर्तन कोण:- परावर्तित किरण तथा अभिलंब के बीच बने कोण को परावर्तन कोण कहते हैं
16. प्रकाश का प्रकीर्णन से आप क्या समझते हैं ?
जब प्रकाश किसी ऐसे माध्यम से गुजरता है जिसमे धूल तथा अन्य पदार्थों के अत्यंत सूक्ष्म कण होते हैं, तो इसके द्वारा प्रकाश सभी दिशाओं में प्रसारित हो जाता है, इसे प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं ,सूर्य के प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण ही आकाश का रंग नीला दिखलाई पड़ता है |
17. प्रकाश के अपवर्तन नियमों को लिखें।
उत्तर⇒प्रकाश के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर उसकी दिशा में होने वाले परिवर्तन की घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहा जाता है।
अपवर्तन के नियम –
(i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण और आपतन बिन्दु पर अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) प्रकाश के किसी खास रंग के लिए आपतन कोण की ज्या और अपवर्तन कोण की ज्या में एक निश्चित अनुपात होता है जिसे अपवर्तनांक कहते हैं। इस नियम को स्नेल का नियम भी कहा जाता है।
18. अपवर्तनांक को परिभाषित करें। हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर⇒अपवर्तनांक-किसी माध्यम में अपवर्तनांक (u) की परिभाषा निर्वात में प्रकाश (c) और इस माध्यम में प्रकाश की चाल (c) के अनुपात के रूप में दी गई है।
हवा में प्रकाश के वेग की अपेक्षा हीरे में प्रकाश का वेग कम होगा। अतः हवा से चलने वाली प्रकाश की किरण हीरा में प्रवेश करने पर अभिलंब की ओर झुक जायेगी।
19. सामान्य नेत्र 25 सेमी से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते ?
उत्तर⇒ 25 सेमी की दूरी पर रखी वस्तुओं को आँख स्पष्ट रूप से देखता है लेकिन 25 सेमी से कम निकट रखी वस्तुओं का प्रतिबिम्ब दृष्टि पटल पर स्पष्ट रूप से नहीं बनता है। अतः मानव वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख पाती है।
20. समतल दर्पण में बना प्रतिबिंब का साइज और प्रकृति कैसी होती है ?
उत्तर⇒समतल दर्पण (Plane Mirror) द्वारा बना, प्रतिबिंब –
(i) बिम्ब (object) के समान प्रतिबिंब का साइज होता है।
(ii) प्रतिबिम्ब दर्पण के उतना ही पीछे बनता है जितनी दूरी पर वस्तु समतल दर्पण के सामने होती है।
(iii) काल्पनिक (virtual) प्रतिबिंब बनता है।
21. एक समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब बनने की क्रिया रेखा दिखावें।
उत्तर⇒
चित्र से स्पष्ट है कि A बिन्दु वस्तु का आभासी प्रतिबिंब I बनता है।
A का समतल दर्पण से दूरी = 1 का समतल दर्पण से दूरी
22. गोलीय दर्पण द्वारा सूर्य के प्रकाश में किसी कागज के कतरन को कैसे जलाया जा सकता है ?
उत्तर⇒गोलीय अवतल दर्पण के परावर्तक सतह को सूर्य से आने वाली किरणों के सामने रखा जाता है। सूर्य से चलने वाली समांतर किरणें दर्पण से परावर्तित होकर फोकस पर अभिसरित होती हैं। अगर अवतल दर्पण के फोकस पर कागज के कतरन , रख दिये जायें, तो यह जल उठता है। क्योंकि समांतर किरणें एक बिंदु पर अभिसरित होती हैं और काफी ऊष्मा उत्पन्न करती हैं। कागज का कतरन दर्पण के फोकस पर रखने पर जलने लगता है।
23. प्रकाश क्या है ?
उत्तर⇒ दृष्टि के भौतिक अनुभूति को प्रकाश कहते हैं प्रकाश वस्तुओं को दृश्यमान बनाता है। कोई वस्तु उसपर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित करती है और वह परावर्तित प्रकाश हमारी आँखों द्वारा ग्रहण होता है तब हमें वस्तुओं को देखने योग्य बनाता है।
24. प्रकाशिक घनत्व क्या है ?
उत्तर⇒प्रकाशिक घनत्व का एक निश्चित संपृक्तार्थ होता है। यह द्रव्यमान घनत्व के समान नहीं है। जिस माध्यम का प्रकाशिक घनत्व अधिक होता है वह सघन माध्यम है, अन्यथा वह विरल माध्यम होगा। विरल माध्यम से प्रकाश किरण सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो यह अभिलंब की ओर मुड़ जाती हैं और जब सघन माध्यम से प्रकाश की किरणें विरल माध्यम में अपवर्तित होती हैं तो यह अभिलंब से दूर हट जाती हैं।
25. आभासी प्रतिबिंब क्या है ?
उत्तर⇒ किसी स्रोत से आने वाला प्रकाश परावर्तन या अपवर्तन के बाद एक बिंदु पर नहीं मिलता है, बल्कि परावर्तित अथवा अपवर्तित किरणों को पीछे बढ़ाने पर एक बिंदु पर मिले, तो आभासी प्रतिबिंब बनता है। यह प्रतिबिंब हमेशा सीधा और पर्दे पर लेना असम्भव है।
26. वास्तविक प्रतिबिम्ब क्या है ?
उत्तर⇒किसी स्रोत से आने वाला प्रकाश परावर्तन या अपवर्तन के बाद एक बिन्दु पर मिलती है तो वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता है। वास्तविक प्रतिबिम्ब हमेशा उल्टा और पर्दे पर आसानी से लिया जा सकता है। हमारा नेत्र रेटिना, पर वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है।
27. गोलीय दर्पणों द्वारा परावर्तन के लिए नयी कार्तीय चिन्ह परिपाटी – दर्शायें।
उत्तर⇒
(i) बिम्ब सदैव दर्पण के बायीं ओर रखा जाता है। इसका अर्थ है कि दर्पण पर बिम्ब से प्रकाश बाईं ओर से आपतित होता है।
(ii) मुख्य अक्ष के समांतर सभी दूरियाँ दर्पण के ध्रुव से मापी जाती हैं।
(iii) मूल बिंदु के दाईं ओर (+X-अक्ष के अनुदिश) मापी गई सभी दूरियाँ धनात्मक मानी जाती हैं जबकि मूल बिन्दु के बाईं ओर (-X-अक्ष के अनुदिश) मापी गई दूरियाँ ऋणात्मक मानी जाती हैं।
28. अवतल दर्पण, उत्तल दर्पण और समतल दर्पण को छूकर एवं बिना छूये हुए कैसे पहचान करेंगे ?
उत्तर⇒अवतल दर्पण को छूने पर पता चलता है कि इसका परावर्तक सतह नत होता है। उत्तल दर्पण का परावर्तक सतह उभरा होता है। समतल दर्पण का परावर्तक सतह समतल होता है। तीनों दर्पणों के फोकस के भीतर एक वस्तु पिन को बारी-बारी से रखा जाता है। जिस दर्पण में वस्तु पिन का प्रतिबिंब आभासी, सीधा और बड़ा दिखाई पड़े वह अवतल दर्पण है। जिस दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब आभासी, सीधा, छोटा दिखाई पड़े, वह उत्तल दर्पण है। जिस दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब आभासी, सीधा और वस्तु के आकार के बराबर दिखाई पड़े, वह समतल दर्पण है।
29. लेंस कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर⇒मुख्यतः लेंस दो प्रकार के होते हैं — उत्तल लेंस और अवतल लेंस। उत्तल लेंस में वास्तविक और आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिब बनते हैं, लेकिन अवतल लेंस में केवल आभासी प्रतिबिंब बनते हैं।
30. लेंस की क्षमता से क्या समझते हैं ?
उत्तर⇒किसी लेंस द्वारा प्रकाश किरणों के अभिसरण या अपसरण करने की मात्रा को उसकी क्षमता, कही जाती है। लेंस को क्षमता डायोप्टर में मापी जाती है। 1 डायोप्टर उस लेंस की क्षमता है जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर है।
31. उत्तल लेंस और अवतल लेंस में सचित्र अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर⇒अन्तर :
(i) उत्तल लेंस में वास्तविक और आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिंब बनते हैं। लेकिन अवतल लेंस में हमेशा आभासी प्रतिबिंब बनते हैं।
(ii) उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस कहा जाता है लेकिन अवतल लेंस को अपसारी लेंस कहते हैं।
32. लेंस में कितने मुख्य फोकस होते हैं ?
उत्तर⇒जैसा कि हम जानते हैं कि प्रकाश लेंस के दोनों ओर से होकर जा सकता है। अत: यही कारण है कि प्रत्येक लेंस में दो मुख्य फोकस होते हैं। लेंस के दोनों ओर एक-एक फोकस होते हैं।
33. कौन-सा लेंस वास्तविक और आभासी दोनों प्रकार का प्रतिबिम्ब बनाता है ?
उत्तर⇒उत्तल लेंस वास्तविक और अभासी दो प्रकार के प्रतिबिम्ब बनाता है। जब बिम्ब फोकस के बाहर हो तो लेंस वास्तविक प्रतिबिम्ब और जब बिम्ब फोकस के भीतर हो तो आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है।
34. बिना स्पर्श के उत्तल लेंस, अवतल लेंस तथा काँच के वृत्ताकार प्लेट की पहचान कैसे की जाती है ?
उत्तर⇒दोनों तरह के लेंसों और काँच की प्लेट को बारी-बारी से अपने हाथ से पकड़कर किसी पुस्तक के छपे पृष्ठ के निकट लाते हैं और इनसे होकर छपे अक्षरों को देखते हैं –
(i) यदि पुस्तक के छपे अक्षर अपने वास्तविक आकार से बड़े दिखाई पड़ते हैं, तो यह उत्तल लेंस है।
(ii) यदि पुस्तक के छपे अक्षर अपने वास्तविक आकार के बराबर दिखाई पड़ते हैं, तो यह काँच का प्लेट है।
(iii) यदि पुस्तक के छपे अक्षर अपने वास्तविक आकार से छोटे दिखाई पड़ते हैं, तो यह अवतल लेंस है।
35. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है ?
उत्तर⇒क्षितिज के समीप नीले तथा कम तरंगदैर्घ्य के प्रकाश का अधिकांश भाग कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाता है। इसलिए हमारे नेत्रों तक पहुँचने वाला प्रकाश
अधिक तरंगदैर्घ्य का होता है। इससे सूर्योदय या सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।
36. अवतल लेंस को अपसारी लेंस कहते हैं, क्यों ?
उत्तर⇒अवतल लेंस के द्वारा समांतर प्रकाश की किरणें आपतन के बाद अपवर्तित होकर आपस में फैलती जाती हैं। यानी अवतल लेंस प्रकाश के समांतर किरणों को अपसरित कर देता है। अवतल लेंस को इसी गुण के कारण अपसारी लेंस कहते हैं।
37. किरण क्या है ?
उत्तर⇒ प्रकाश के बिन्दु पथ को किरण कहते हैं। किरण तीन प्रकार के होते हैं — संसृत किरण पुंज, अपसृत किरण ज और समांतर किरण पुंज। परवलयिक दर्पण संसृत किरण पुंज उत्पन्न करता है। उत्तल दर्पण द्वारा अपसृत किरण पुंज और समतल दर्पण द्वारा समांतर किरण पुंज उत्पन्न होता है।
38. पाश्विक विस्थापन से आप क्या समझते हैं ? अथवा, काँच के आयताकार झिल्ली में अपवर्तन के दो किरणों को दिखावें।
उत्तर⇒किसी स्लैब से होकर गुजरने वाली किरण के लिए आपतित किरण और निर्गत किरण एक दूसरे के समांतर होती हैं। इन दोनों किरणों के बीच की लाम्बिक दूरी को पाश्विक विस्थापन कहते हैं।
39. विवर्तन क्या है ?
उत्तर⇒ यदि प्रकाश के पथ में रखी अपारदर्शी वस्तु अत्यन्त छोटी हो, तो प्रकाश सरल रेखा में चलने की बजाय इसके किनारों पर मुड़ने की प्रवृत्ति दर्शाता है इस प्रभाव को प्रकाश का विवर्तन कहते हैं।
40. नई कार्तीय चिह्न परिपाटी के अनुसार गोलीय लेंस में आवर्धन किस प्रकार बदलता है ?
उत्तर⇒ किसी उत्तल लेंस के प्रकरण में आवर्धन जब प्रतिबिम्ब आभासी होता है तब धनात्मक तथा जब प्रतिबिम्ब वास्तविक होता है तब ऋणात्मक होता है। किसी अवतल लेंस के प्रकरण में आवर्धन अवतल लेंस द्वारा सदैव आभासी प्रतिबिम्ब बनाने के कारण सदैव धनात्मक होता है।
41. प्रधान फोकस और फोकस में क्या अंतर है ?
उत्तर⇒प्रधान फोकस दर्पण के प्रधान अक्ष पर पाया जाता है। लेकिन प्रकाश की समांतर किरणें दर्पण से परावर्तित होने के बाद एक बिंदु पर फोकसित होती हैं। यह बिंदु फोकस कहलाता है। यह जरूरी नहीं है कि फोकस दर्पण के प्रधान अक्ष पर ही पड़े।
42. तारे टिमटिमाते हैं, किन्तु ग्रह नहीं टिमटिमाते हैं। क्यों ?
उत्तर⇒ग्रह तारों की अपेक्षा हमारे बहुत समीप हैं। अतः इनसे इतना पर्याप्त प्रकाश मिलता है कि वायुमण्डलीय परतों के घनत्वों के अस्थायित्व के प्रभाव के चलते प्राप्त किरणों की संख्या में अपेक्षाकृत कम ही कमी आती है और वे लगभग स्थायी रूप में चमकते दिखते हैं। तारों से चलने वाले प्रकाश किरण वायुमण्डल के विभिन्न घनत्व वाले परतों से गुजरने पर किरणों के पथ में विचलन होता है और तारे का प्रकाश विभिन्न क्षणों में अपवर्तित होते हैं और टिमटिमाते नजर आते हैं।
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